पानी की कमी हो गई तो!

 

World Meteorological Organization (WMO) यानी विश्व मौसम संगठन ने ताज़ा पानी की उपलब्धता के बारे में एक चेतावनी जारी की है.

संगठन के अनुसार साल 2050 तक दुनिया भर की क़रीब एक चौथाई आबादी ऐसे देशों में रह रही होगी जहाँ पीने के ताज़ा पानी की लगातार कमी हो जाएगी.

दुनिया में पानी की उपलब्धता के बारे में इस सप्ताह जिनेवा में एक सम्मेलन हुआ जिसमें संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों और साझीदार संगठनों ने हिस्सा लिया.

इस सम्मेलन में पानी के संसाधनों को समझदारी से इस्तेमाल करने और पानी की उपलब्धता को बढ़ाने के उपायों पर विचार किया गया.

इस सम्मेलन को नाम दिया गया था – हाइड्रो-कान्फ्रेन्स.

संगठन के मुखिया पैट्टेरी तालस का कहना था कि दुनिया की बढ़ती आबादी, शहरीकरण और पर्यावरण प्रदूषण की वजह से पानी की आपूर्ति पर भारी बोझ पड़ रहा है.

इस बीच ये जानकारी भी सामने आई है कि क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम का मिज़ाज और ज़्यादा बिगड़ता जा रहा है और अब मौसम के मिज़ाज का पूर्वानुमान लगाना भी मुश्किल साबित हो रहा है.

ग्लेशियरों के पिघलने और पीने के पानी के स्रोतों में नमकीन यानी खारे पानी की मिलावट की वजह से नई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं.

पीने के पानी की उपलब्धता के बारे में आ रही इन मुश्किलों से आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत सी समस्याएँ पैदा हो रही हैं.

हाइड्रो-कान्फ्रेंस के ज़रिए पानी की फिलहाल और भविष्य में ज़रूरतों के मद्देनज़र मिलजुलकर प्रयास करने का आहवान किया गया है.