महबूब ख़ान, संयुक्त राष्ट्र रेडियो
संयुक्त राष्ट्र के कई संगठनों ने एक ताज़ा रिपोर्ट (Report ) में कहा है कि लगभग हर देश में ऐसे हालात हैं कि तमाम लोगों को अच्छी क़िस्म यानी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएँ नहीं उपलब्ध हो रही हैं.
ये रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO, विश्व बैंक और आर्थिक सहयोग और विकास संगठन यानी OECD ने मिलकर तैयार की है.
WHO ने एक वक्तय जारी करके कहा है कि तमाम देशों में अक्सर बीमारियों के कारणों का सही पता नहीं लगाया जाता है.
अगर बीमारियों के कारण भी पता चल जाए या नहीं चले तो भी दवाइयाँ सही तरीक़े से नहीं दी जाती हैं.
अक्सर ग़लत या अधूरा इलाज किया जाता है, ज़्यादातर मामलों में इलाज के लिए चिकित्सा सेवाएँ और सुविधाएँ या तो समुचित नहीं होती हैं या फिर वहाँ कामकाज ठीक से नहीं होता है.
रिपोर्ट कहती है कि ख़ासतौर से ये हालात कम और मध्य आमदनी वाले देशों में ज़्यादा बड़ी परेशानी और चुनौती पेश करते हैं.
इन देशों में अस्पतालों में इलाज कराने वाले क़रीब 10 फ़ीसदी मरीज़ों को संक्रमण लग जाता है.
जबकि अन्य देशों में ये आँकड़ा 7 प्रतिशत है. रिपोर्ट में ज़ोर देकर कहा गया है कि हर एक नागरिक को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना बहुत ज़रूरी और हर सरकार की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है.
ये इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि इससे इंसानों की तकलीफ़ें कम करने में मदद मिलती है.
इसके अलावा जब लोग स्वस्थ रहते हैं तो बेहतर कामकाज करते हैं और अन्ततः देश के आर्थिक हालात में योगदान करते हैं और ख़ुशहाली में हाथ बँटाते हैं.
रिपोर्ट लिखने वालों ने तमाम देशों की सरकारों से ज़ोरदार अपील करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी ठोस और टिकाऊ स्वास्थ्य रणनीति बनाएँ जिनसे लोगों का जीवन बेहतर हो सके.
रिपोर्ट लेखकों ने इस कहावत को नकारा है जिसमें कहा जाता है कि अच्छी स्वास्थ्य सेवा एक ऐसी शानो-शौकत यानी Luxury है जिसे सिर्फ़ धनी देशों के नागरिक ही पा सकते हैं.
कहने का मतलब है कि दुनिया के तमाम इंसानों को बिना किसी भेदभाव और बाधा के अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ और सुविधाएँ मिलनी चाहिए जिससे वो बेहतर जीवन जी सकें.