संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटॉनियो गुटेरेस ने निकारागुआ सरकार का आहवान करते हुए कहा है कि वो प्रदर्शनकारियों पर महीनों से हो रही हिंसा को तुरन्त बन्द करने का प्रबन्ध करे.
इस हिंसा में लगभग 280 लोगों की जानें जा चुकी हैं.
महासचिव ने निकारागुआ की सरकार से मौजूदा संकट का हल निकालने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राजनैतिक बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने का आहवान किया.
सोमवार रात को पड़ोसी देश कोस्टा रीका में महासचिव ने कहा कि निकारागुआ सरकार और देश की ये बुनियादी ज़िम्मेदारी है कि वो देश के नागरिकों की सुरक्षा का पुख़्ता इन्तज़ाम करे.
सरकार को अपनी बुनियादी ज़िम्मेदारी को ना तो भूलना चाहिए और ना ही नागरिकों के जीवन को ख़तरे में डालना चाहिए.
ये दुर्भाग्य की बात है कि सरकार की इस ज़िम्मेदारी के बावजूद प्रदर्शनों के दौरान इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है.
महासचिव की इस अपील से सुर में सुर मिलाते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय OHCHR ने भी मंगलवार को कहा कि निकारागुआ में सरकार और सरकार समर्थक सशस्त्र गुटों द्वारा हिंसा का इस्तेमाल ज़रूरत से बहुत ज़्यादा रहा है.
कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कॉलविले का कहना था, “ये हिंसा इसलिए भी बहुत ज़्यादा दमनकारी और ख़तरनाक रही है क्योंकि सरकार समर्थक हथियारबन्द गुट बिना किसी डर के लोगों पर क़हर बरसा रहे हैं.”
“इन हथियारबन्द गुटों को पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं का समर्थन भी मिल रहा है.”
ख़बरों के अनुसार बीते सप्ताहान्त के दौरान ही कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी.
एक घटना में तो दो लोगों की मौत उस समय हो गई जब राजधानी मानागुआ में एक चर्च पर गोलियाँ चलाई गईं.
उस चर्च में विश्व विद्यालय छात्र पनाह लिए हुए थे जो अपने विश्व विद्यालय पर हमला होने के बाद चर्च में सुरक्षा के लिए आए थे.