Migrants के हालात और योगदान को समझें

Secretary-General Ban Ki-moon Visits of Kara Tepe

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन IOM के अध्यक्ष विलियम लेसी स्विंग का कहना है कि दुनिया भर को एक ऐसा स्थान बनाए जाने की ज़रूरत है जिसका रूप-रंग बहुसांस्कृतिक हो.

यानी एक ऐसी दुनिया जहाँ सभी पृष्ठभूमियों, संस्कृतियों, विचारों और आस्थाओं के लोग मिलजुलकर रह सकें और अपने सक्रिय योगदान से दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकें.

संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में सोमवार को International Dialogue on Migration के मौक़े उन्होंने ये बात कही.

उन्होंने ख़ास ज़ोर देकर कहा कि Migrants यानी प्रवासियों के बारे में अगर दुनिया भर का मौजूदा नज़रिया समझदारी के साथ बदल जाए तो इंसानी भाईचारे और ख़ुशहाली की दुनिया में बहुत बड़ी कामयाबी मिल जाएगी.

विलियम लेसी स्विंग कहना था कि हम अगर इन शब्दों के साथ शुरूआत करते हैं की प्रवासन यानी Migration एक समस्या है जिसका हल खोजना ज़रूरी है, तो ये शुरूआत ही नकारात्मक नज़रिए के साथ होती है. इसके बजाय प्रवासन को खुले नज़रिए के साथ समझना बहुत ज़रूरी है.

International Organisation of Migration (IOM) के अध्यक्ष विलियम लेसी स्विंग का कहना है, “प्रवासन यानी Migration का इतिहास भी उतना ही पुराना जितना कि इंसानों का वजूद है लोगों को कामकाज या अन्य कारणों से देश के भीतर और बाहर जाना पड़ता है.”

“मगर समस्या तब शुरू होती है जब लोग प्रवासियों के हालात को नहीं समझते और उनके साथ सहयोग नहीं करते हैं. ये भी समझने की ज़रूरत है कि प्रवासी यानी Migrants विकास के भी एजेंट होते हैं.”

“दुनिया भर की कुल आबादी का क़रीब साढ़े तीन फ़ीसदी हिस्सा प्रवासी यानी Migrants लेकिन उनके ज़रिए दुनिया भर की सम्पदा का क़रीब साढ़े नौ फ़ीसदी हिस्सा पैदा होता है. अगर वो अपने ही स्थानों पर रहते तो इस कुल सम्पदा में क़रीब चार फ़ीसदी की कमी होती.”

उनका ये भी कहना था कि ये एक ऐसी वास्तविकता है जिसे अगर समझने और समायोजन करने की कोशिश की जाए तो इस मानवीय ज़रूरत के साथ आसानी से तालमेल बिठाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि बेशक Migration यानी प्रवासन एक जटिल मुद्दा है लेकिन ये भी ध्यान में रखना होगा कि जो भी लोग एक स्थान से दूसरे स्थानों पर जाते हैं, वहाँ वो अपने हुनर और मानव संसाधन से स्थानीय जीवन और अर्थव्यवस्थाओं को बहुत अहम योगदान करते हैं.

इसलिए Migrants यानी प्रवासियों के साथ समझदारी और सहयोगपूर्ण रवैया अपनाना बहुत ज़रूरी है.