आलस से पूरे देश का नुक़सान

महबूब ख़ान, संयुक्त राष्ट्र रेडियो

इसमें ज़रा भी शक नहीं है कि हम सभी को स्वस्थ और सेहतमन्द रहने के लिए सन्तुलित भोजन और कसरत और व्यायाम करना बहुत ज़रूरी है.

इस हक़ीक़त को समझने के लिए तो किसी डॉक्टर की राय की भी ज़रूरत नहीं है.

अगर हम आलसी हो जाते हैं और कसरत करने से कतराते हैं, बहुत Fat यानी चर्बी वाला और असन्तुलित भोजन खाते हैं तो ना सिर्फ़ हम अपना नुक़सान करते हैं, बल्कि देश का भी बड़ा नुक़सान होता है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जारी किए गए ताज़ा आँकड़े बताते हैं कि तमाम देशों में लोगों के आलसी होने से जो बीमारियाँ होती हैं उनके इलाज और देखभाल पर 54 अरब डॉलर का ख़र्च आता है.

इसलिए दुनिया भर के लोगों को ख़ुद को स्वस्थ रखने के लिए सन्तुलित भोजन खाने और कसरत करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

ये अपील विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को एक Global Action Plan जारी करते हुए जारी की.

इस एक्शन प्लान का मक़सद लोगों को आलसी जीवन शैली छोड़कर सक्रिय और स्वस्थ व्यवहार और जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर बहुत से लोगों को दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, डायबटीज़ और अन्य तरह की Non-Communicable Diseases (NCDs) यानी ग़ैर-दूरसंचारी बीमारियों से बचाया जा सकता है.

ध्यान दिला दें कि दुनिया भर में जितनी मौतें होती हैं, उनकी क़रीब 70 फ़ीसदी संख्या के लिए NCDs  बीमारियाँ ज़िम्मेदार होती हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रॉस एडहैनॉम ग़ैबरेयेसस ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि इसमें तो बिल्कुल भी शक़ नहीं है कि स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहना बहुत ज़ूररी है.

लेकिन दुनिया भर में देखा जा रहा है कि सक्रिय रहना एक चुनौती बनता जा रहा है जिससे निष्क्रिय रहने वाले लोगों की संख्या बहुत बढ़ रही है.

इसकी एक बड़ी वजह ये है कि आधुनिक शहरी और सामुदायिक ज़िन्दगी को लोगों के स्वस्थ रहने के लिए उपयुक्त नहीं बनाया गया है.

यानी आधुनिक शहरों और क़स्बों में लोगों के स्वस्थ रहने के लिए समुचित खुले स्थान यानी पार्क वग़ैरा मौजूद नहीं हैं, बहुत से शहरों में बहुत घनी आबादी होती है और दमघोटूँ वातावरण में घर बनाए जाते हैं.

भारत जैसे देशों का कोई भी शहर इसका उदाहरण हो सकता है.

इस वैश्विक एक्शन प्लान में स्वास्थ्य रूप से ज़्यादा बेहतर और सक्रिय जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपाय और सिफ़ारिशें पेश की गई हैं जिनसे स्वस्थ और सक्रिय समुदाय और समाज विकसित हो सकें.

मिसाल के तौर पर ऐसी सुविधाएँ और माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिनसे ज़्यादा से ज़्यादा लोग चहलक़दमी कर सकें और खेलकूद में हिस्सा ले सकें.

इस वैश्विक प्लान में अगले 12 वर्षों के दौरान युवाओं और वयस्क लोगों में क़सरत, चहलक़दमी और शारीरिक सक्रियता को 15 फ़ीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.