विकलांगों को हक़ है पूरा

आज के नगरीय वातावरण में विकलांग लोगों को सिर्फ़ Ramps यानी उनकी व्हीलचेयर के लिए रास्ता देने वाली सुविधा बनाकर ही सन्तुष्ट नहीं रहा जा सकता है.

United Nation’s Special Envoy on Disability and Accessibility Maria Soledad Cisternas Reyes का कहना था कि विकलांग लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए वो सब सुविधाएँ देने की आवश्यकता है जिनके ज़रिए वो अपने सब अधिकारों का इस्तमाल कर सकें जो उन्हें इंसान और नागरिक होने के नाते संविधान और अन्तरराष्ट्रीय सन्धियों में मिलते हैं.

उनका ये भी कहना था कि वैसे तो हाल के समय में समाजों को सबके लिए उपयुक्त बनाने के प्रयासों में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ कामयाबी भी देखी गई है.

मगर सरकारों, संस्थाओं और संगठनों की ज़िम्मेदारियों और जो कुछ विकलांग लोग रोज़ाना के जीवन में अनुभव करते हैं, उसमें अब भी नकारात्मक तरीक़े से बहुत अन्तर है.

यानी विकलांग लोगों को अब भी सरकारों के वादे के मुताबिक़ सुविधाएँ नहीं मिलती हैं.

2030 तक हासिल किए जाने वाले टिकाऊ विकास लक्ष्यों में कहा गया है कि ऐसे समाज और समुदाय बनाने की ज़रूरत है जिनमें कोई भी इन्सान विकास और सुविधाओं का लाभ उठाने में पीछे ना छूट जाए.

Maria Soledad Cisternas Reyes ख़ुद देख नहीं सकतीं लेकिन विकलांग लोगों की ज़रूरतों को भली-भाँति महसूस कर सकती हैं.

इसलिए वो दुनिया भर में विकलांग लोगों का जीवन बेहतर बनाने के मिशन में अथक लगी हुई हैं.