हैज़ा के ख़िलाफ़ ख़ुराक़ अभियान

अफ्रीका के पाँच देशों में क़रीब 20 लाख लोगों को हैज़ा से बचाने के लिए एक ज़ोरदार अभियान चलाया गया है.

इसे अफ्रीका क्षेत्र में इतिहास का सबसे बड़ा cholera vaccination campaign  बताया गया है.

इन पाँच देशों के नाम हैं – नाईजीरिया, मलावी, उगांडा, जाम्बिया और दक्षिणी सूडान.

कई देशों में हैज़ा फैलने के हालात की गम्भीरता को देखते हुए ये ख़ास अभियान चलाया गया है जो जून के मध्य तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

ध्यान दिला दें कि हैज़ा एक ऐसी बीमारी है जो भोजन या पानी में गन्दगी के बैक्टीरिया मिलने की वजह से होती है.

हैज़ा होने से डायरिया हो जाता है जिससे इंसान की मौत हो जाने का भी ख़तरा होता है.

अगर मरीज़ को तुरन्त चिकित्सा सहायता मुहैया नहीं कराई जाए तो मरीज़ की मौत कुछ ही घंटों के भीतर हो सकती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हालाँकि तसल्ली की बात ये है कि हैज़ा का इलाज किया जा सकता है यानी ये चिकित्सा विशेषज्ञता के दायरे से बाहर नहीं है.

इन पाँच देशों में कोलरा वैक्सिनेशन अभियान के तहत लोगों को हैज़ा से बचाने वाली ख़ुराकें पिलाई जाएंगी.

इस वैक्सीन का ख़र्च गावी यानी द ग्लोबल वैक्सीन अलायन्स ने उठाया है.

ये एजेंसी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र द्वारा मुहैया कराए जा रहे धन से अपना काम करती है और कम और मध्यम आय वाले देशों में कोलरा यानी हैज़ा से बचाने वाली वैक्सीन मुहैया कराती है.

अन्य देशों में भी लोगों को हैज़ा से बचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालयों द्वारा अभियान चलाए जा रहे हैं जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य साझीदार संगठनों का सहयोग और मदद मिल रहे हैं.