विटामिन ए की ख़ुराक़ जीवनदायी

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यूनीसेफ़ ने कहा है कि अगर मामूली सी सावधानी बरती जाए तो सस्ते मगर टिकाऊ और असरदार नुस्ख़े से दुनिया भर में क़रीब 14 करोड़ बच्चों को कई तरह की बीमारियों से बचाया जा सकता है.

बीमारियों के अलावा इन बच्चों को सुनने की क्षमता कम या ख़त्म हो जाने, दिखाई ना देने और यहाँ तक कि मौत के मुँह में भी चले जाने का ख़तरा रहता है.

आइए अब ये भी जान लेते हैं कि इन बीमारियों या ख़राब स्वास्थ्य हालात का सामना करने में कौन सा नुस्ख़ा कारगर साबित हो सकता है – तो उसका नाम है विटामिन ए की कमी दूर करना.

यूनीसेफ़ ने बुधवार को एक ताज़ा रिपोर्ट जारी करके तमाम देशों की सरकारों से कहा है कि तमाम बच्चों को विटामिन ए की कमी दूर करने वाली गोलियाँ उपलब्ध कराई जाएँ.

इनसे बच्चों की रोग प्रतिरोधी क्षमता यानी Immune System को मज़बूत करने में मदद मिलती है जिससे वो बीमारियों का मुक़ाबला करने में सक्षम होते हैं.

बहुत से बच्चों को तो विटामिन ए की समुचित मात्रा सुनिश्चित करके चेचक, ख़सरा और डायरिया जैसी बीमारियों से बचाकर अन्ततः मौत के मुँह में जाने से बचाने में मदद मिलती है.

और इस नुस्ख़े की क़ीमत क्या है – बहुत मामूली. यानी विटामिन ए की एक ख़ुराक़ की क़ीमत आती है – क़रीब दो अमरीकी सेंट.

इसे अन्य देशों की मुद्राओं में भी परिवर्तित करके देखें तो ये क़ीमत बहुत ज़्यादा नहीं है, बशर्ते कि सरकारें इस पर गम्भीरता दिखाएँ.

यूनीसेफ़ का कहना है कि बच्चों को साल में विटामिन ए की दो ख़ुराकें मिल जाएँ तो इससे उनका स्वास्थ्य अच्छा रखने और आख़िरकार उनकी ज़िन्दगी बचाने में बहुत मदद मिलेगी.

फिर भी रिपोर्ट ध्यान दिलाती है कि प्रशान्त क्षेत्र में सिर्फ़ आधे बच्चों को विटामिन ए की ये स्वास्थ्यवर्धक और जीवनदायी ख़ुराक़ें मिल पाती हैं.

यूनीसेफ़ का कहना था कि प्रशान्त क्षेत्र में बहुत बड़ी संख्या में बच्चों को बहुत सस्ती और आसानी से मिलने वाली ख़ुराक़ – विटामिन ए से वंचित रखा जाता है.

जबकि सरकारें और राजनैतिक नेतृत्व ये भलीभाँति जानते हैं कि समय पर विटामिन ए की ख़ुराक़ मिलने से बच्चे ना सिर्फ़ जीवित रहते हैं बल्कि ज़्यादा स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन जीते हैं.

प्रशान्त क्षेत्र के देशों में बच्चों को विटामिन ए की ख़ुराक़ आमतौर पर तब दे दी जाती है जब वो स्वास्थ्य और चिकित्सा केन्द्रों पर नियमित जाँच के लिए जाते हैं.

मगर दूर-दराज़ के द्वीप इलाक़ों में रहने वाले बहुत से बच्चों को विटामिन ए की ख़ुराक़ नहीं मिल पाती है.

यूनीसेफ़ ने चेतावनी के अन्दाज़ में कहा है कि दुनिया भर में बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रखने और उनकी मौत में कमी लाने के लिए व्यापक मिशन चल रहा है लेकिन विटामिन ए की कमी होने से इस मिशन में पूरी कामयाबी नहीं मिल पा रही है.

रिपोर्ट में तमाम देशों में ऐसी मज़बूत स्वास्थ्य व्यवस्था क़ायम करने का आहवान किया गया है कि जिनके ज़रिए बच्चों को समय पर कारगर स्वास्थ्य सेवाएं हासिल हो सकें.

इसमें हैल्थ कार्ड के ज़रिए विटामिन ए की तमाम बच्चों को उपलब्धता के बारे में बेहतर निगरानी रख शामिल हो सकता है.