संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटॉनियो गुटेरेस ने रोहिंग्या लोगों के बारे में मयाँमार के एक वरिष्ठ सैनिक जनरल यू मिन आँग ह्लेंग के बयान पर गहरी चिन्ता जताई है.
मीडिया ख़बरों के अनुसार जनरल यू मिन आँग ह्लेंग ने हाल ही में एक सैनिक बैठक में कहा था कि रोहिंग्या लोगों का देश के अन्य समुदायों के साथ कुछ भी नहीं मिलता जुलता है.
संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ के अनुसार महासचिव अंटॉनियो गुटेरेस ने मयाँमार के तमाम नेताओं से अपील की है कि वो देश में फैलाई जा रही नफ़रत को रोकने और आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए बिल्कुल एकजुट होकर काम करें.
प्रवक्ता के अनुसार महासचिव का कहना था कि मयाँमार में ऐसे नेतृत्व की ज़रूरत है जो देश में किसी भी तरह के भेदभाव को मिटाने के लिए संस्थागत माहौल तैयार करें.
साथ ही रख़ाइन Advisory Commission की सिफ़ारिशों को भी लागू करने की ज़रूरत है.
महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि मयाँमार में रोहिंग्या लोगों पर हो रही हिंसा की मूल समस्या को समझने और उसे हल करने की ज़रूरत है.
ये मयाँमार सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वो सभी ज़रूरतमन्द लोगों की मदद करे और उन्हें पुख़्ता सुरक्षा मुहैया कराए.
ग़ौरतलब है कि अगस्त 2017 में भड़की हिंसा के बाद क़रीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमान पनाह लेने के लिए बांग्लादेश पहुँचे हैं.
ये हिंसा उत्तरी रख़ाइन स्टेट में मयाँमार की सेना द्वारा शुरू की गई थी जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की भी ख़बरें हैं.
प्रवक्ता का ये भी कहना था कि महासचिव ने मयाँमार में ऐसा माहौल बनाने पर ज़ोर दिया जिससे विस्थापित हो चुके रोहिंग्या लोग अपनी मर्ज़ी से, सम्मानजनक तरीक़े से और सुरक्षित माहौल में स्वदेश वापिस लौट सकें.