पिछले क़रीब चार वर्षों से भीषण गृहयुद्ध का सामना कर रहे यमन की मदद के लिए मंगलवार को जिनीवा में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने इकट्ठा होकर क़रीब दो अरब डॉलर की रक़म जुटाने का संकल्प लिया.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटॉनियो के शब्दों में यमन विश्व के सबसे भीषण मानवीय संकट का सामना कर रहा है.
चार वर्षों से जारी इस युद्ध की वजह से भारी तबाही हुई है और क़रीब दो करोड़ 20 लाख लोगों को जीवित रहने और सुरक्षित माहौल में ज़िन्दगी जीने के लिए बाहरी मदद की तुरन्त ज़रूरत है.
ये आबादी यमन की कुल जनसंख्या का क़रीब तीन चौथाई यानी 75 फ़ीसदी हिस्सा है.
महसचिव अंटॉनियो गुटेरेस ने दानदाता सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यमन के प्रभावित लोगों को सहायता मुहैया कराना बहुत अहम है मगर ये काफ़ी नहीं है.
उनका कहना था कि सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण और ज़रूरी ये है कि यमन की समस्या का कोई टिकाऊ राजनैतिक समाधान निकाला जाए.
उनका ये भी कहना था कि इस तरह के मानवीय संकटों और संघर्षों का कोई मानवीय समाधान नहीं होता बल्कि राजनैतिक हल के ज़रिए ही टिकाऊ शान्ति क़ायम की जा सकती है.