विस्फोटक सामग्रियों और बारूदी सुरंगों यानी Mines के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए चार अप्रैल को अन्तरराष्ट्रीय दिवस यानी International Mine Awareness Day मनाया गया.
इस मौक़े पर न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अनेक गतिविधियाँ आयोजित की गईं. इनमें Improvised Explosive Device (IED) का भी प्रदर्शन किया गया कि ये जानलेवा उपकरण किस तरह से इंसानों के लिए घातक साबित होता है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटॉनियो गुटेरेस ने इस मौक़े पर कहा कि दुनिया भर में अनेक स्थानों पर असाधारण मात्रा में Landmines यानी बारूदी सुरंगें और बिना विस्फोट हुए हथियारों की वजह से ग्रामीण और शहरी इलाक़ों में बहुत डर और ख़तरे का माहौल बना हुआ है.
बहुत से इलाक़ों में संघर्ष और युद्ध ख़त्म हो जाने के बहुत समय बाद भी इन विस्फोटक सामग्रियों की मौजूदगी की वजह से बड़ी संख्या में आम लोग हताहत हो रहे हैं.
महासचिव ने तमाम देशों की सरकारों से अनुरोध किया कि वो इस तरह के हथियारों से छुटकारा पाने के प्रयासों को राजनैतिक और वित्तीय मदद मुहैया कराएँ ताकि बड़ी संख्या में आम लोगों को इनकी चपेट में आने से बचाया जा सके.
उन्होंने बारूदी सुरंगों और अन्य विस्फोट सामग्रियों के बारे में जागरूता बढ़ाने के लिए मनाए गए अन्तरराष्ट्रीय दिवस को शान्ति हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल क़रार दिया.
उनका कहना था कि Mine Action यानी विस्फोट सामग्रियों को नाकाम करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि ऐसा करने से जब तमाम रास्ते साफ़ और सुरक्षित होते हैं तो आम लोगों की हिफ़ाज़त करना आसान होता है.
साथ ही स्कूल और अस्पतालों को भी जब इन ख़तरों से मुक्त करा दिया जाता है तो सामान्य जन-जीवन आसान और सुरक्षित होता है.
इस बीच ब्रिटेन की मशहूर फ़िल्म श्रंखला James Bond में एजेंट 007 की भूमिका निभाने वाले अभिनेता डैनियल क्रैग ने कहा है कि Land Mines यानी बारूदी सुरंगें, हथगोले, मिसाइल और अन्य विस्फोट हथियार अनेक इलाकों में संघर्ष, युद्ध और तबाही की विरासत के सबूत हैं.
इनमें कम्बोडिया, सोमालिया, इराक़ और काँगो गणराज्य शामिल हैं. डैनियल क्रैग बारूदी सुरंगों यानी Mines और अन्य तरह के विस्फोट पदार्थों और हथियारों के उन्मूलन के लिए विशेष दूत के तौर पर सक्रिय हैं.
यानी वो United Nations Global Advocate for the Elimination of Mines and other Explosive Hazards के तौर पर ये काम कर रहे हैं.
डैनियल क्रैग का कहना था, “आज हम उन हज़ारों शिक्षकों को याद करते हैं और उन्हें बधाई और शाबाशी देते हैं जो बारूदी सुरंगों और विस्फोटक सामग्रियों की मौजूदगी के बावजूद अपनी जान जोखिम में डालकर भी शिक्षा बाँटने में लगे हैं.”
“साथ ही दुनिया भर के उन लोगों के हौसले की भी तारीफ़ की जाए जो अपनी ज़िन्दगी ख़तरे में डालकर भी बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने और इलाक़ों को ख़तरों से मुक्त कराने में अथक प्रयास कर रहे हैं. और ये काम वो सिर्फ़ वर्तमान के लिए नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा और उनकी ज़िन्दगी बेहतर बनाने के लिए जी-जान से जुटे हैं.”
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनीसेफ़ ने कहा है कि सीरिया में क़रीब 80 लाख लोग बारूदी सुरंगों और अन्य विस्फोट सामग्रियों की चपेट में आने के ख़तरे में ज़िन्दगी जी रहे हैं.
इनमें क़रीब 30 लाख बच्चे हैं.